जब बच्चों की छुट्टियां हो जाती हैं और उन्हें घर पर रहना होता है तो उनका रूटीन कई स्तरों पर बिगड़ जाता है। उनकी खाने की आदतें, एक्सरसाइज़ का समय और नींद का पैटर्न, सब कुछ पूरी तरह बदल जाता है। हालाँकि, जब घर पर रहते-रहते बच्चे ऊब जाते हैं तो उनके लिए कुछ मज़ेदार और ज़रूरी एक्टिविटी की शुरुआत करनी चाहिए ताकि बच्चों का रूटीन भी बन सके और वे तंदरुस्त भी रह सकें। एक पैरेंट के तौर पर आपको यह समझना होगा कि बच्चों की शारीरिक गतिविधि के स्तर से उनकी भूख और नींद में बदलाव आते हैं।
हमने एक्सपर्ट्स और दुनिया भर के पेरेंट्स के सुझावों के आधार पर यहां कुछ बेहद आसान और ज़रूरी शारीरिक गतिविधियों की लिस्ट बनाई है जो आप अपने बच्चों को घर पर रहकर भी सिखा सकते हैं। यकीन मानिये बच्चों को इन एक्सरसाइज़ में बहुत मज़ा आएगा। ये एक्सरसाइज़ हैं:
रस्सी कूदना: यह बच्चों और बड़ों दोनों के लिए सबसे आसान और सबसे असरदार व्यायाम में से एक है। आप रस्सी कूदने की एक्सरसाइज़ में अलग-अलग सेट बना सकते हैं, जैसे, अकेले कूदना, इसमें हर बच्चा एक तय संख्या में रस्सी कूदेगा। दूसरा तरीका है, ग्रुप एक्सरसाइज़ का, इसमें बच्चे और बड़े दोनों एक साथ रस्सी कूद सकते हैं। कोशिश करें कि बच्चों के लिए रस्सी की लम्बाई को बच्चों की लम्बाई के अनुसार कम या ज़्यादा किया जा सके। इससे रस्सी कूदते समय बच्चे उसमें फंसकर गिरेंगे नहीं। आप बच्चों के लिए रस्सी के हैंडल पर गाँठ भी लगा सकते हैं और जब बड़ों के कूदने की बारी आएगी तो इस गाँठ को खोल भी सकते हैं।
बाधाओं वाली एक्टिविटी कराएं:
बच्चों को ऐसी दौड़ या खेल पसंद आते हैं जिसमें ढेर सारी बाधाएं होती हैं और बच्चे उन्हें हल करते हैं। तो ऐसी रेस के लिए आप जितनी ज़्यादा बाधाओं (चीजों) का इस्तेमाल करेंगे, बच्चों को उन्हें हल करने में उतना ही ज़्यादा मज़ा भी आएगा! इसके लिए आप ज़मीन पर कुशन रखकर बच्चों को उसके ऊपर से कूदकर जाने के लिए कह सकते हैं। आप दो कोनों में एक रस्सी भी बाँध सकते हैं और बच्चों को उसके नीचे से घुटने के बल जाने को कह सकते हैं। कलाबाज़ियों के लिए योगा वाली मैट या कोई चटाई बिछा सकते हैं, बराबर दूरी पर कागज़ या गत्ते से बने कोन रख सकते हैं और बच्चों को उनके बीच से निकलने को कहें। इन सभी खेलों को और भी मज़ेदार बनाने के लिए एक लक्ष्य भी निर्धारित करें ताकि बच्चा वहाँ पहुँचने के लिए प्रोत्साहित होगा। जैसे बच्चे का पसंदीदा खिलौना रख सकते हैं या एक्टिविटी पूरी करने पर आप उन्हें कोई तोहफ़ा भी दे सकते हैं।
सही संतुलन के लिए एक्सरसाइज़: आप दो पलंग या सोफा के बीच में स्टूल या लकड़ी की पट्टी रखकर पुल बना सकते हैं और बच्चों से कह सकते हैं कि वे अपना संतुलन बिगाड़े बिना उसे पार करें। इसे और भी मज़ेदार बनाने के लिए आप बच्चों के सिर पर कुछ किताबें भी रख सकते हैं। छोटे बच्चों के लिए ज़मीन पर ही कागज़ का पुल बना सकते हैं और बच्चों से कह सकते हैं कि उन्हें कागज़ के दायरे में रहकर ही उसे पार करना है। छोटी उम्र में बच्चों के लिए शारीरिक संतुलन बनाना बहुत ज़रूरी है ताकि बड़े होकर वे तंदरुस्त और एक्टिव रह सकें।
बच्चों के लिए योग: योग केवल बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद एक्सरसाइज़ है। इससे बच्चों का शरीर लचीला, मज़बूत, और स्वस्थ तो होता ही है साथ ही योग की मदद से बच्चों की एकाग्रता भी विकसित होती है। नियमित योग करने से बच्चों का मन शांत रहता है और उन्हें मानसिक स्तर पर आराम भी मिलता है। ऑनलाइन भी आपको बच्चों के लिए ढेर सारी योग की एक्सरसाइज़ मिल जाएँगी। कुछ योग को और भी मज़ेदार बनाने के लिए वीडियो में एनिमेटेड जानवरों वाला योग भी दिख सकता है। हालाँकि एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि अगर आप और आपके बच्चे पहली बार योग कर रहे हैं तो आपको किसी विशेषज्ञ या ट्रेनर की निगरानी में ही योग करना चाहिए ताकि ज़रूरत पड़ने पर वे आपके आसान सही कर सकें और बेहतर ढंग से सिखा सकें।
ड्रिल (ट्रेनिंग): यह बाधाओं वाली एक्सरसाइज़ से थोड़ा सा अलग है। इसमें बच्चे कमरे के एक कोने से दूसरे कोने तक जा सकते हैं, इस प्रक्रिया को एक टांग पर चलकर पूरा कर सकते हैं, तिरछा भागकर पूरा सकते हैं, या हाथों और पैरों दोनों के सहारे भागकर पूरा सकते हैं आदि। इस तरह की एक्सरसाइज़ में प्रॉप्स या अन्य चीजों की ज़रूरत नहीं होती है लेकिन जितनी ज़्यादा जगह हो उतना बेहतर होगा। तो अगर आपके घर में गैलरी या अपार्टमेंट की बिल्डिंग में लम्बी जगह है तो आप बच्चों को ऐसी जगहों पर आसानी से ड्रिल करा सकते हैं।
भले ही घर के अंदर आपके बच्चे को पर्याप्त शारीरिक गतिविधियां करने को मिल रही हैं, लेकिन विशेषज्ञों का सुझाव है कि बच्चों को कम स कम आधे घंटे तक ऐसी बालकनी या खिड़की के पास लेकर जाएँ जहाँ धूप आती है। इससे बच्चों के विकास के लिए ज़रूरी विटामिन डी मिलेगा। आपको यह भी याद रखना होगा कि घर पर खेलते-कूदते समय बच्चे गिर सकते हैं और उन्हें चोट भी लग सकती है। हालांकि इस तरह की छोटी-मोटी चोटें सामान्य विकास का ही हिस्सा हैं लेकिन कोशिश करें कि बच्चों के आसपास कांच की चीजें या नुकीली वस्तुएं ना रखी हों।
एक नियमित रूटीन और शारीरिक व्यायाम से बच्चों को सही भूख लगेगी और वे सेहतमंद तथा पर्याप्त खाना खाएंगे। इससे बच्चों की नींद भी पूरी होगी और उन्हें अतुल्य सुरक्षा का अहसास भी होगा!